प्रेम ओर मोह
प्रेम ओर मोह
प्रेम की कोई परिभाषा नही होती है, इसे कभी किसी परिभाषा मे ना बान्धे प्रेम तो अनन्त है, जो कि आपके जन्म से पहले से है ओर अनन्त काल तक रहेगा। ना कभी आप प्रेम को जाने ओर ना ही उसे समझने कि कोशिश करे, क्योंकि प्रेम को सिर्फ महसुस किया जा सकता है। जब कभी आप प्रेम को परिभाषित करने की कोशिश करोगे तो हमेशा सिर्फ मोह की ओर ही भागोगे ओर मोह प्रेम का रूप लेकर आपके साथ खेलेगा, कइ रचनाए बनाऐगा, कइ रूप लेगा, आप उसमे फसते चले जाओगे आप तो सिर्फ उसे प्रेम का दर्जा दोगे ओर वो आपको ढूबोते चले जाएगा।
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#Bannasa008
#Writco
#Love&love
© Bannasa008
प्रेम की कोई परिभाषा नही होती है, इसे कभी किसी परिभाषा मे ना बान्धे प्रेम तो अनन्त है, जो कि आपके जन्म से पहले से है ओर अनन्त काल तक रहेगा। ना कभी आप प्रेम को जाने ओर ना ही उसे समझने कि कोशिश करे, क्योंकि प्रेम को सिर्फ महसुस किया जा सकता है। जब कभी आप प्रेम को परिभाषित करने की कोशिश करोगे तो हमेशा सिर्फ मोह की ओर ही भागोगे ओर मोह प्रेम का रूप लेकर आपके साथ खेलेगा, कइ रचनाए बनाऐगा, कइ रूप लेगा, आप उसमे फसते चले जाओगे आप तो सिर्फ उसे प्रेम का दर्जा दोगे ओर वो आपको ढूबोते चले जाएगा।
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