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तनहाइयां
अपनी इन तन्हाइयों में किसी को शामिल नहीं करना हमें, बस इस बेखुदी मैं अकेला रहना है हमें ,जिनकी चाहत में सब कुछ भुला दिया हमने, वही दिल पर जख्म दिए जा रहे हैं ,प्यार नहीं करना था अब अफसोस होता है ,हमें अपनी इस दीवानगी पर गुमान तो होता है , प्यार ना करके शायद आज हम भी बेहद खुश होते, ना उन के मिलने की खुशी होती ना बिछड़ने का गम ,बस यूं ही जिंदगी कट गई होती !
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