भारत, मेरा भारत
भारत, मेरा भारत, जहां पहली मानव आंखें स्वर्गीय प्रकाश के लिए जाग्रत हुईं!
एशिया का पवित्र तीर्थस्थल, पराक्रम की महान मातृभूमि!
विश्व-माता, मानव जाति के दर्शन और पवित्र विद्या की पहली दाता,
ज्ञान तू ने मनुष्य को दिया, ईश्वर-प्रेम, कर्म, कला, धर्म का द्वार खोल दिया।
हे...