...

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में
अब वो पहले जैसी में, में ना रही।
वो एक मैसेजके लिए घंटोका इंतज़ार नहीं रहा,
क्योंकि अब वो पहले वाला यार नहीं रहा।

अब वो बिना वजह रूठना नहीं रहा,
क्योंकि अब कोई मनानेवाला ही नहीं रहा।

अब सिर्फ बाहारी मुस्कुराहट रह गयी हैं,
क्योंकि अब वो भीतरी ख़ुशी खो गयी हैं।

अब सिर्फ गम ही मिलते हैं जीवनके रास्तो पर,
क्योंकि कोई अपना ख़ुशी बाटनेवाला ना रहा।

अब तो आंसु भी सूख गए हैं मेरे,
क्योंकि उसे पोछकर गले लगाने वाला ना रहा।

दिन और रातें बस गुज़र रही हैं,
क्योंकि अब जीनेका कोई बहाना ना रहा।