18 views
बीत गया मेरा बचपन....!!
मेरे बचपन में , मेरे अलग ही अरमान थे ......,
कभी ख्वाहिश कुछ पाने की होती, तो कभी कुछ खो देती...,
कभी रोती किसी के लिए ,तो कभी- कभी दंतुरित मुस्कान- सी हसीं हस देती....,
पर अब वो अरमान नहीं आते, ना ख्वाइश होती कुछ पाने की...,
कब मैं बड़ी होऊंगी? और इस सोच में ही बीत गया मेरा बचपन....!!
वक्त सोचते- सोचते ही चला गया.....,
ये लम्हा पता नहीं कब बीत गया..,
अब वह खुशी नहीं होती , जो बचपन में हुआ करती थी ...,
अब वह चीज नहीं दिखती, जिसके लिए बचपन में रो- जाया करती थी ....,
अब वह सपने नहीं आते ,जो बचपन में देखा करती थी ...,
अब वह कुछ पाने की तमन्ना मर-सी गई हैं,जो बचपन में आया करती थी ....,
अब वह लोरी कहां गई ,जो बचपन में मां सुनाया करती थी...,
अब वह दोस्त और दोस्ती मिट गई , जिसके लिए बचपन में जिया करती थी...,
ये कैसे? मेरा बचपन बीत गया....!!
वह सारी चाहते आखिर गई का इस बचपन के साथ ...,
जो नहीं जानती थी वह जान गई, इस बेरहम वक्त के साथ ...,
अब तो ऐसा लगता है....!
जिसके लिए जीती थी..., वह वजह ही जैसे खत्म हो गई हैं...,
जैसे मेरे बचपन की सारी खुशी, दिल के किसी कोने में छुप- सी गई है...,
बीत गया मेरा यू बचपन...!!
अब बहुत याद आता है वो खिलौना ,जिसके ना मिलने पर रोज रोना...,
अब तो रह गई है यह सांसे शरीर में , जिसे भी एक दिन जिन्दगी के गंतव्य को पार करके हैं खोना.....!!
क्यों ये सब इतना जल्दी दल-बदल हो गया...
बीत गया मेरा बचपन...!!
बचपन एक सुकून सा था अब वो किधर गया......?
__ JANKI KUNWAR
© All Rights Reserved
#bachapan #childhood #bachpankeyaade #bachpan #bachpana
Related Stories
49 Likes
17
Comments
49 Likes
17
Comments