...

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राह तकते तकते
पथरा गए नैन,
उनकी राह तकते तकते।
सूख गए हैं लब,
विरह में उनकी,
रोते रोते।
अब कैसे होंगे,
यह अब तक न जाना।
अनजान था उनका आशियाना,
नहीं था उनका पता ठिकाना।
फिर भी,
ढ़ूढ रहा यह नादान मन,
हर अक्श में,
उनकी ही सूरत का ताना बाना।
# wrutet#writcopoem #broken heart
© mere alfaaz