...

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तेरी तमन्ना ऐ धूप खिलाए हुए हैं
तेरी तमन्ना ऐ धूप
खिलाए हुए हैं
लौट आओगी जाने वाली
उम्मीद का आश जगाए हुए हैं

पश्चिम में उगती नहीं सूरज
फिर भी दिल को यकीन दिलाए हुए हैं
एक जिज्ञासा की किरण लिए
दिल जलाए हुए हम है

हल्की धूप हो जाए
गम को दबाए हुए हैं
न होने पर भी तेरी
तुमसे बेइंतहा दिल लगाए हुए हैं

फुर्सत से नक्काशी कर
तुम्हें आंखों में सजाए हुए हैं
सारी दुनिया को छोड़कर
मन मंदिर में तेरी मुरत बसाए हुए हैं

लाखों मुखड़ा देख
फिर भी तेरी दीवानी खुद को बनाए हुए हैं
झूठी ही सही
तेरी आने का चित्र...