ग़ज़ल
ग़म मुझे बेसुमार चाहिए था
इसिलिए तेरा प्यार चाहिए था
शायरी हो रही खफ़ा हमसे
हमको कुछ ग़म उधार चाहिए था
नौकरी कर रहा हूँ ग़म...
इसिलिए तेरा प्यार चाहिए था
शायरी हो रही खफ़ा हमसे
हमको कुछ ग़म उधार चाहिए था
नौकरी कर रहा हूँ ग़म...