क्या वो आएगा?
मैं टूटी हुई मिली थी उसे
और फ़िर किसीसे मिल
जोड़ने गई थी खुदको
लौटी जब तो फिर तन्हा थी
उसे पता सब था
शायद पुराना दफन हुआ इश्क़
मुझ में एक सांस लिए खड़ा था
धड़कनों को दस्तक दे रहा था
हां अब मुझे इश्क़ है उससे
बोलती हूं उसे, जताती हूं उसे
पागल सी वो बावरी
फिर...
और फ़िर किसीसे मिल
जोड़ने गई थी खुदको
लौटी जब तो फिर तन्हा थी
उसे पता सब था
शायद पुराना दफन हुआ इश्क़
मुझ में एक सांस लिए खड़ा था
धड़कनों को दस्तक दे रहा था
हां अब मुझे इश्क़ है उससे
बोलती हूं उसे, जताती हूं उसे
पागल सी वो बावरी
फिर...