एक लफ़्ज़ में हिसाब
कभी उसे गुलाब कहा
कभी बाग की बुलबुल
उसकी प्यारी बातें मेरे
दिल मचाती हलचल
एक दिन उसने माथे बांधा...
कभी बाग की बुलबुल
उसकी प्यारी बातें मेरे
दिल मचाती हलचल
एक दिन उसने माथे बांधा...