"सब एक सा नहीं रहता, तुम्हारे न होने से"
सब एक सा नहीं रहता, तुम्हारे न होने से,
सब छूटता जाता जैसे, तुम्हें खोने से,
आहटो में जैसे खामोशी छा जाती है,
और यादें रोती जैसे बैठे हर कोने में,
जवाब भी खो जाता सवालों के घेरों में,
रातें ...
सब छूटता जाता जैसे, तुम्हें खोने से,
आहटो में जैसे खामोशी छा जाती है,
और यादें रोती जैसे बैठे हर कोने में,
जवाब भी खो जाता सवालों के घेरों में,
रातें ...