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~ भक्ति की शक्ति ~
शिव में तुम, शक्ति में तुम
हर श्रद्धा की भक्ति में तुम
अंधकार में तुम प्रकाश में तुम
हर मन के विश्वाश में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
सृष्टि के कण कण में तुम
दुनियां के हर घर में तुम
जात में तुम हर पात में तुम
चाहें गीता हो या कुरान में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
इस सृष्टि के शुरआत में तुम
चाहें श्रृष्टि के विनाश में
सतयुग के शुरुआत में तुम
चाहें कलयुग के अंत में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
मीरा के गिरधर गोपाल में तुम
राधा के मोहन श्याम में तुम
द्रोपति के बचाते लाज में तुम
चाहें महाभारत के हर अध्याय में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
प्रह्लाद के भक्ति में तुम
अहिल्या के इंतजार में तुम
सबरी के स्वच्छ मन के भाव में तुम
हनुमान और लक्ष्मण के सेवक में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
कैलाश में तुम मक्का में तुम
हर पत्थर में तुम मूर्ति में तुम
मंदिर में तुम और मजीद तुम
हर सच्चे भक्त के मन में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
माता पिता या गुरु के रूप में तुम
वेद में तुम या पुराण में तुम
तुलसीदास और कबीर की अमृत वाणी में तुम
चाहें इतिहास के हर पन्नों में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
माता के शक्ति में तुम
गंगा के पावन घाट में तुम
महादेव के कल्याण में तुम
विष्णु के हर अवतार में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
ईद में तुम दिवाली में तुम
हर देश के सभी त्यौहार में तुम
आस्था में तुम या भक्तों के विश्वाश में तुम
चाहें प्रकृति के विद्यमान में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम।
© मेरे अल्फाज़....🦋
हर श्रद्धा की भक्ति में तुम
अंधकार में तुम प्रकाश में तुम
हर मन के विश्वाश में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
सृष्टि के कण कण में तुम
दुनियां के हर घर में तुम
जात में तुम हर पात में तुम
चाहें गीता हो या कुरान में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
इस सृष्टि के शुरआत में तुम
चाहें श्रृष्टि के विनाश में
सतयुग के शुरुआत में तुम
चाहें कलयुग के अंत में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
मीरा के गिरधर गोपाल में तुम
राधा के मोहन श्याम में तुम
द्रोपति के बचाते लाज में तुम
चाहें महाभारत के हर अध्याय में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
प्रह्लाद के भक्ति में तुम
अहिल्या के इंतजार में तुम
सबरी के स्वच्छ मन के भाव में तुम
हनुमान और लक्ष्मण के सेवक में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
कैलाश में तुम मक्का में तुम
हर पत्थर में तुम मूर्ति में तुम
मंदिर में तुम और मजीद तुम
हर सच्चे भक्त के मन में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
माता पिता या गुरु के रूप में तुम
वेद में तुम या पुराण में तुम
तुलसीदास और कबीर की अमृत वाणी में तुम
चाहें इतिहास के हर पन्नों में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
माता के शक्ति में तुम
गंगा के पावन घाट में तुम
महादेव के कल्याण में तुम
विष्णु के हर अवतार में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम
ईद में तुम दिवाली में तुम
हर देश के सभी त्यौहार में तुम
आस्था में तुम या भक्तों के विश्वाश में तुम
चाहें प्रकृति के विद्यमान में
जो भी दिखता भक्ति की शक्ति हो तुम।
© मेरे अल्फाज़....🦋
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