...

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LIFE WITHOUT YOU
कभी कभी मैं सोचता हूं
तेरे बिना लाइफ कैसी होगी
अंदर ही अंदर से,
बिखरे हुए होंगे हम
और चेहरे पर एक झूठी सी,हंसी होगी,
तब हकीकत में,
मेरे कॉल्स और मैसेज का इंतजार
तु नहीं कर रही होगी,
पर फिर भी दिल है ना
ये तो तेरा है और तेरा ही रहेगा
और सांसे
तेरे पर तब भी रुकी होंगी,
नींद आज भी गायब है
आंखों से मेरी,
शायद तब भी हो
पर तब शायद वो
वीडियो कॉल्स नहीं होंगे,
ताकी तेरा चेहरा एक पल को
देख सकूं मैं
सोने से पहले,
तब सौ बार सोचना पड़ेगा
किसी से अपनी दिल की बातें बोलने में
और किसी के सामने
रोने से पहले,
चुप कराने वाले तो
तब भी बहुत होंगे,
पर तू नहीं होगी ना
वो डांट कर,झगड़ कर
मेरे लिए, मुझसे ही लड़कर
मुझे हंसाने के लिए,
मेरी अच्छी बुरी आदतों में से
हमेशा कुछ न कुछ
पॉजिटिव ढूंढ कर लाने के लिए,
मैं तब भी खाना तो खा लूंगा
पर तब हर रोज
तू नहीं होगी
दिन कैसा गुजरा,
तेरा और मेरा भी
ये सुनने और बताने के लिए,
बातें करने वाले तब भी बहुत होंगे
पर मेरी खामोशी समझ जाए
ऐसा कोई नहीं होगा,
मुझे चुप देख कर
ओए हीरो, चिरकुट और कद्दू कह कर
बुलाने के लिए,
मैं बस उनका हूं
इसका एहसास दिलाने के लिए,
पर क्या करें
तेरी खुशी में ही
मेरी हंसी मुकम्मल है,
मैं आज भी हूं और
तब भी रहूंगा,
तेरा साथ देने के लिए
और तुझे हर मुश्किल से
बाहर लाने के लिए,
तुम पलट कर देखना तो सही
तुम्हारी हंसी ही तब भी
काफी होगी,
मेरे मुस्कुराने के लिए ।।
© priyansh