*सफर*
एक रात वो काली सी
गूंज उठी दुनिया सारी
मां की जब कोख से
आयी लक्ष्मी एक प्यारी ।
घर जो सूना रहता था
उसके आने से चमक उठा
मा बाप के जीवन का अंधेरा
धूप बनकर जो खिल उठा ।
आंगन की अंगड़ाई में
खेल कूद जब बड़ी हुई
छोटी सी वो कन्या
पड़ी लिखी भी खूब हुई ।
भोली उसकी सूरत
आंखें भी कजरा ली
सुंदरता की भोर में
उसके मन की वो हर्याली ।
कुछ...
गूंज उठी दुनिया सारी
मां की जब कोख से
आयी लक्ष्मी एक प्यारी ।
घर जो सूना रहता था
उसके आने से चमक उठा
मा बाप के जीवन का अंधेरा
धूप बनकर जो खिल उठा ।
आंगन की अंगड़ाई में
खेल कूद जब बड़ी हुई
छोटी सी वो कन्या
पड़ी लिखी भी खूब हुई ।
भोली उसकी सूरत
आंखें भी कजरा ली
सुंदरता की भोर में
उसके मन की वो हर्याली ।
कुछ...