...

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मंजिल
हम बहुत अरसे बाद मिले
बहुत अरसे बाद मिलने पर भी
हमारे पास बात करने को कुछ नहीं था
उस खामोशी में अगर कुछ सुना जा सकता था तो वो है हमारी दिल की धड़कने
जो अब भी एक दूसरे के लिए धड़क रही थी और इस धड़कते दिल को ही हमनें संपूर्ण वार्तालाप मान लिया
और फिर अलविदा कह अपनी-अपनी मंज़िल की ओर रुख कर गए

हां हमें ये भी मालूम है
कि हमारी मंजिले अलग-अलग है...

© bejaanrooh