माँ का वर्णन
वो कह्ते हैं, माँ के बारे मे क्यूं नहीं लिखते कभी -
जनाब जिसने हमे बनाया ह उसके बारे मे क्या लिखूँ,
सोचती हूं कहिं शब्द कम ना पड़ जाएं...
जनाब जिसने हमे बनाया ह उसके बारे मे क्या लिखूँ,
सोचती हूं कहिं शब्द कम ना पड़ जाएं...