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जीवन मौसम है
कुछ बदल गया है, कुछ बदल रहा है, ये जीवन मौसम है,बदलेगा और फिर से लौट आएगा।
मन में विश्वास जग रहा है, हौसला कदम बढ़ा रहा है, रास्ते कठिन है लेकिन हर कदम मंज़िल के क़रीब लाएगा।
कुछ दूरियों का नज़दीकियों से मिलन हो रहा है, फासले है कुछ अब भी दर्मियान में, दिल है ना ये अधूरे इश्क़ को भी मुकम्मल कर जाएगा।
नज़रिया बदल रहा है, समाज है तो बातें तो बनेगी तुम्हारे लिए भी, तुम्हारी ख़ामोशियों का सैलाब सब बातों को गुम कर जाएगा।
दर्द कुछ कम हो रहा है, वक़्त सारे गम मिटा रहा है, जो फिर भी कुछ दर्द रह जाए तो तुम्हारा आंसू तो है ना जो सारे दर्द,सारे गम बहा ले जाएगा।
अंधेरा थोड़ा बढ़ रहा है, चांद कहीं शरमा रहा है और सूरज ख़ुद को छुपा रहा है, फिर भी तुम्हारी चमक का सितारा है ना, जो ना जाने किस-किस को रोशन कर जाएगा।
कल कुछ ठीक ना रहा,आज थोड़ा संघर्ष कर रहा है, लेकिन कल भी तो आएगा ना जो तुम्हारे सारे कल को संवार जाएगा।
कुछ बदल गया है, कुछ बदल रहा है, ये जीवन मौसम है बदल कर फिर से लौटकर आएगा।

© Anurag Dubey