बचपन की यादें
न चाँद न सितारों की,
गिनती अब नहीं आती है,
काली रात मुझे डराती है,
माँ तुम्हारी बहुत याद आती है,
खुले आसमान में जुगनू की,
चमचमाहट मुझे सताती है,
रात में बहती मन्द-मन्द हवा,
माँ के आँचल...
गिनती अब नहीं आती है,
काली रात मुझे डराती है,
माँ तुम्हारी बहुत याद आती है,
खुले आसमान में जुगनू की,
चमचमाहट मुझे सताती है,
रात में बहती मन्द-मन्द हवा,
माँ के आँचल...