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Enjoy the Evening
सुहानी शाम ढल रही है
इतनी भी बेरूखी होती , ठीक नहीं जनाब
मर हीं जाएंगेे हम तो अब, ऐसे में जनाब
खामोशी की ये चादर, अब उतार फेंकिए
हम भी आप के अपने हैं, ग़ैर नहीं जनाब
आपके मुन्तजिर हैं हम, पलटकर तो देखिए
आंखें हमारी थक गई, थोड़ा आराम तो दीजिए
सूरज भी जा चुका है, सुहानी शाम ढल रही
रात आने वाली है, सुकून की नींद तो दीजिए
पहलू में बैठे रहते आप, बिन बुलाए रात दिन
रूबरू भी कभी कभार, आप हो जाइए जनाब
माना कि नीला आसमां, आशियां है आपका
जमीं से भी तो वास्ता, रखिए थोड़ा जनाब
क्यूं हो गये आप दूर हमसे, वजह तो बताइए
हमारी क्या खता थी, हमें जरूर सुनाइए
आप तो बस ख्वाब हैं, हकीकत से कोसों दूर
हकीकत में एक बार आप, जमीं पे तो आइए।।
Bless Evening 💐🌺
इतनी भी बेरूखी होती , ठीक नहीं जनाब
मर हीं जाएंगेे हम तो अब, ऐसे में जनाब
खामोशी की ये चादर, अब उतार फेंकिए
हम भी आप के अपने हैं, ग़ैर नहीं जनाब
आपके मुन्तजिर हैं हम, पलटकर तो देखिए
आंखें हमारी थक गई, थोड़ा आराम तो दीजिए
सूरज भी जा चुका है, सुहानी शाम ढल रही
रात आने वाली है, सुकून की नींद तो दीजिए
पहलू में बैठे रहते आप, बिन बुलाए रात दिन
रूबरू भी कभी कभार, आप हो जाइए जनाब
माना कि नीला आसमां, आशियां है आपका
जमीं से भी तो वास्ता, रखिए थोड़ा जनाब
क्यूं हो गये आप दूर हमसे, वजह तो बताइए
हमारी क्या खता थी, हमें जरूर सुनाइए
आप तो बस ख्वाब हैं, हकीकत से कोसों दूर
हकीकत में एक बार आप, जमीं पे तो आइए।।
Bless Evening 💐🌺
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