" निशब्द हूँ.... "
निशब्द हूंँ ...
बेचैन हूँ ...
खुद को खोकर,
तुझमें खोईखोई हूंँ..
हाँ..! "मैं" प्रेम की मूरत हूंँ..
सूरत में "मैं" साधारण हूँ..
"मैं " कोमल ह्रदय की हूँ
डर सी जाती हूंँ ...
जब कोई ऊंची आवाज में कुछ कहे हमसे..
दिल में बसा कर उनकों,
उनसे...
बेचैन हूँ ...
खुद को खोकर,
तुझमें खोईखोई हूंँ..
हाँ..! "मैं" प्रेम की मूरत हूंँ..
सूरत में "मैं" साधारण हूँ..
"मैं " कोमल ह्रदय की हूँ
डर सी जाती हूंँ ...
जब कोई ऊंची आवाज में कुछ कहे हमसे..
दिल में बसा कर उनकों,
उनसे...