...

6 views

रातो की गहराइया
दिमाग है जो कभी भी कुछ भी सोच लेता है
बिना पूछे बुरी यादो का दरवाजा खोल देता है
ये आँखे भी ऐसी ही है
खुशी में भी आँखो में अश्रु ले आती है
ओर ये ज़ुबान का क्या कहे
खुशी में भी कड़वा बोल जाती है
न जाने क्यो ये आँखे हमारे बिना कुछ कहे भी सब कह जाती है
रात भर जगा कर ये यादे हमे सताती है
ये अश्रु नमक जैसे खारे है
पुरानी यादो को बस ओर दर्द भरे बिचारे है
अल्फाज़ो में बया कर न पाए
एहसासों का सिलसिला
इस बार मेरे दिल ने
कुछ ज्यादा ही मांग लिया
मंगा कुछ ऐसा जिसे भगवान ने भी नकार दिया
न मिलने का दुख दिल को दे दिया
कोहिनूर मांग लेता
लाकर दे देते हम
पर उसने किसी का साथ माँग लिया,जो देना पाए हम
उन गुलाब के पंखुडियो की खुशबू लेने से पहले
ही काटा यू दिल को चुभा दिया
इस बात पे ही मेरा आज दिल रो दिया
जो होना सकता किसी का
तोह क्यो सपने ये उसके देखता
जिसे जाना था वो चला गया
फिर क्यों दिल खुद को टूटता हुआ देखता
इतना गहरा भी उस सागर में गया
जहा साँसे नही बल्कि सब कुछ है छीन गया
इस प्यार ने हमसे हमारा जहां भी ले लिया
फिर भी क्यों ये
उसी प्यार के लिए कुर्बानी दे गया
सोचा था सहारा मिलेगा
पर किनारा तक नसीब न हुआ
प्यार पर भरोसा करने की गलती करके
ये खुद में ही ये समा गया
अब न उम्मीद बची थी न ताकत
खुद से लड़ते लड़ते थक गया था ये शायद
उन काटो का दर्द कुछ ज्यादा था
जो महरम भी काम न आया
चोट इतनी गहरी थी
की दुआ भी काम न आई
प्यार में धोखा ऐसा था कि
खुद को संभाल भी न पाए
ख़ुदा की मर्जी सोच के
इस दर्द को भी अपने अंदर समा गए
मरना तोह चाहते थे
पर अपनो के चहरे नज़र आए
उस एक चहरे के पीछे
उन दस चेहरों को कैसे ठुकराते
खुद उठने की कोशिश कर
हम खुद ही की गलती पर मुस्कुराये
इतने मुखोटे लगा दिए चेहरे पर
अपने भी समझ न पाए
दर्द मिला भी इतना कि
बया भी करना पाए
खामोशी से मैने खुदको
अंदर ही अंदर संभाला
भगवान की यही मर्जी थी
बस यही सोचकर हमने खुद को भी संभाल लिया
की भगवान भी रहम बरसाते है अजमाइशों के बाद











© Dark Rose