...

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मैं जो हठ से हठ करने लगा ! When I Started Being Stubborn !
मैं जो आया जिद पर !
मैं हठ से हठ तक बातें करने लगा !
फिर पानी को आग, आग को पानी मैं कहने लगा !
साहिल पर बैठ कर, समंदर को सोचने लगा !
जब डूबने लगा तो फिर साहिल को तलाश मैं करने लगा !
मैं हठ से हठ तक बात जब करने लगा !
मैं रात को दिन, दिन को रात कहने लगे !
मैं पागल था सब कहते थे,
मैं हठ से अपनी जो हठ करने लगा !
बेखौफ जो मैं कूद गया उस खाई में,
जहां दिलों को तोड दिया जाता था !
फिर...