...

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ख्याल
अपने अश्कों को तू यूं जाया न कर ,
मुझे इस कदर तू यूं बहाया न कर।

तेरी आंखों में बसता है ये मेहबूब तेरा,
दुनियां वालों से नजरें तू मिलाया न कर।

बना कर आशियाना रहना है तेरी आंखों में,
तू ये आशियां यूं बार - बार गिराया न कर।

हर बात पे कर लेता है आंखें नम अपनी,
फिर तू इनको इस तरह सजाया न कर।
© शिवम् दुबे
© Shivam Dubey