...

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मेरी कहानियां
गर गुम हो जाऊं मैं दुनिया से तुम्हारे कभी तो
ढूंढ लेना तुम मुझे फिर कहानियों में मेरे
या हो जाऊं ओझल मैं आँखों से तुम्हारे कभी तो
उकेर लेना मुझे फिर कहानियों से मेरे
या फिसल जाऊं जब रेत बनकर मुट्ठी से तुम्हारे
भींच लेना तुम मुझे फिर कहानियों में मेरे
या विलीन हो जाऊं हवा में कहीं तो देखना तुम्हारी
लटें बिखेरते मुझे फिर कहानियों में मेरे
या निशब्द हो चला जाऊं दूर कहीं तो सुनना हमारे
ठहाकों में मुझे फिर कहानियों से मेरे
मेरे यादों की तालाश में भटकना नहीं, रहूंगा हरदम,
मिलना तुम मुझे फिर कहानियों में मेरे

© Saket