आत्म सम्मान आधार है
*आत्म सम्मान Self Esteem ही सहज, सुखद शान्त दिव्य जीवन का आधार*
*आत्म सम्मान, स्वमान, सम्मान और स्वाभिमान में अन्तर होता है। ये चारों ही मन की स्थितियां होती हैं। ये चारों ही अलग अलग स्थितियां हैं। लेकिन आत्मा के मन की परतें अलग अलग होते हुए भी आत्मा के पास मन तो एक ही है। इसलिए ये स्थितियां एक दूसरे से गुंथी हुईं भी हैं। अर्थात् एक का प्रभाव दूसरे पर पड़ता है। इन सबका प्रभाव परस्पर सब पर पड़ता है। भले ही इन...
*आत्म सम्मान, स्वमान, सम्मान और स्वाभिमान में अन्तर होता है। ये चारों ही मन की स्थितियां होती हैं। ये चारों ही अलग अलग स्थितियां हैं। लेकिन आत्मा के मन की परतें अलग अलग होते हुए भी आत्मा के पास मन तो एक ही है। इसलिए ये स्थितियां एक दूसरे से गुंथी हुईं भी हैं। अर्थात् एक का प्रभाव दूसरे पर पड़ता है। इन सबका प्रभाव परस्पर सब पर पड़ता है। भले ही इन...