...

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भूल से भी
भूल से भी ये भूल न करे कोई
यह खुदा मोहब्बत न करे कोई

कोई मिलता है तो मिल जाये
मिलकर न बिछड़े कोई

किसी के इंतज़ार में कोई दिया जला कर
बैठा हो
इतना भी किसी को न चाहें कोई

किसी की उम्मीद में कैसे जिंदगी गुज़रे कोई
फूल🌺🌻🌹🌷 है मेरी राह यह कांटे है
मुझे बता दे कोई

कैसे लौटूं अपने घर🏡 को
मुझे पता दे कोई

अब उन गलियों में कुछ भी नहीं रखा
मुझे यकीन दिला दे कोई
उसने देखा है मुझे अभी अभी
बस देख कर एक बार मुस्कुरा दे कोई

वो मेरी आँखों में चहेरा देखती है
अब शीशे की जरूरत नहीं कोई

मैं उसके खतों को सीने से लगा कर सोता हूँ
मेरे दिल का हाल उसे बता दे कोई

मुझे इक पल भी आराम क्यों नहीं आता
मैं मरीज हूँ उसका
मुझे दवा दे कोई

सितम ये कि तेरे बिना जी नहीं सकता
और मर भी नहीं सकता
खुदा ऐसी कशमकश में न हो कोई

वो मेरी पलकों को चुम ले
मुझे प्यारी सी नींदीया दे कोई

मेरी गज़लें हूबहू उसी से मिलती है
तुझे मेरा महबूब न कहे कोई

एक बार पागल कहा था उसने मुझे
दिल को ये तमन्ना है
आज फिर कहें कोई

भूल से भी ये भूल न करें कोई
यह खुदा मोहब्बत न करे कोई







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