...

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नियति के विरुद्ध
पानी ने
नया ठाना था
चट्टानों से निकलना
रास्ता नहीं
पानी का संकल्प
पत्थर सा
खुद वो कमजोर
चट्टानों ने
रास्ता बंद किया
कमजोर से न होना था
अकल्पनीय असंभव
नियति मिटाना था
हौंसला लोहा
असर हुआ
नामुमकिन से मुमकिन
चट्टानों ने
रास्ता दिया
पानी भी कम न था
पानी बह निकला
रास्ता प्रगट हुआ।

© ©संभव टाईटस