रातों की बस्ती में
रातों की बस्ती में ख़्वाबों का डेरा है
जो पूरा होता नहीं, वो ख़्वाब मेरा है
हूँ मैं तन्हा मगर दिल कब अकेला है
तेरी यादों के साये ने हर वक्त घेरा है
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जो पूरा होता नहीं, वो ख़्वाब मेरा है
हूँ मैं तन्हा मगर दिल कब अकेला है
तेरी यादों के साये ने हर वक्त घेरा है
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