विचारों में ही खोया रहता हु।
अब तो मैं विचारों में ही खोया रहता हु,
सन्नाटे की धुन में सुन रहता हु,
अब इस मन को सन्नाटा ही भाता है,
असली दुनिया में लोटने को मन कतराता है।
किसी के बतलाने से चौंक जरूर जाता हु,
लेकिन भंग ध्यान को मैं फिर सन्नाटे पर ही लगता हु,
विचारों में फिर डूब मैं...
सन्नाटे की धुन में सुन रहता हु,
अब इस मन को सन्नाटा ही भाता है,
असली दुनिया में लोटने को मन कतराता है।
किसी के बतलाने से चौंक जरूर जाता हु,
लेकिन भंग ध्यान को मैं फिर सन्नाटे पर ही लगता हु,
विचारों में फिर डूब मैं...