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शहर की चकाचौंध से अच्छा तो मेरा अंधियारे में बसा गांव है एलपीl
#खोईशहरकीशांति

कितना भी रह लो सुख से तुम शहर में
पर असली सुकून तो गांव की हवाओं में है
ये सौंधी सी खुशबू ये लहराती सी फसलें
असली मजा तो गांव की हर अदाओं में है
यहां अनेकों मांओं का आंचल है
यहां अनेकों बहनों की राखी है
यहां जलता नही कोई एक दूसरे की तरक्की से
यहां कोई एक नही अनेकों लोग साथी है
सब अपना सा है यहां पर कुछ भी अनजान नहीं है
जादू सा लगता है जब शहर छोड़ कर गांव की तरफ लौटो
जादू यहां की हर फिजाओं में है
कितना भी रह लो एसो आराम से तुम शहर की चकाचौंध में
पर एक बख्त के बाद कहोगे की असली मजा तो गांव में है
यहां अच्छा लहजा है सबसे बात करने का
यह तौर तरीका सिखाया जाता है बड़ो के मान करने का
यहां की मोहब्बत आज भी वफादार होती है
यहां पैसों से नही तौले और निभाए जाते है रिश्ते
यहां पर आज भी प्यार की भर मार होती है
नही होती मोहब्बत कम किसी की एक दूसरे से
ऐसी अदा यहां की हर अनाओ में है
और साहब तुम लौटो तो एक बार शहर छोड़ कर अपने गांव की तरफ
फिर तुम सबसे कहते फिरोगे की असली मजा तो गांव में है 1

© ठाकुर जी