शहर की चकाचौंध से अच्छा तो मेरा अंधियारे में बसा गांव है एलपीl
#खोईशहरकीशांति
कितना भी रह लो सुख से तुम शहर में
पर असली सुकून तो गांव की हवाओं में है
ये सौंधी सी खुशबू ये लहराती सी फसलें
असली मजा तो गांव की हर अदाओं में है
यहां अनेकों मांओं का आंचल है
यहां अनेकों बहनों की राखी है
यहां जलता नही कोई एक दूसरे की तरक्की से
यहां कोई एक नही अनेकों लोग साथी है
सब अपना सा है यहां पर कुछ भी अनजान नहीं है
जादू सा लगता है जब शहर...
कितना भी रह लो सुख से तुम शहर में
पर असली सुकून तो गांव की हवाओं में है
ये सौंधी सी खुशबू ये लहराती सी फसलें
असली मजा तो गांव की हर अदाओं में है
यहां अनेकों मांओं का आंचल है
यहां अनेकों बहनों की राखी है
यहां जलता नही कोई एक दूसरे की तरक्की से
यहां कोई एक नही अनेकों लोग साथी है
सब अपना सा है यहां पर कुछ भी अनजान नहीं है
जादू सा लगता है जब शहर...