दीवाने
मयखाने से खाली तसना लव यार नहीं जाते।
उनके सिवा खाने से कोई बीमार नहीं जाती।
दर्द बढ़ाते हैं हर दिन अपने दिल का।
लेते हैं दवा लेकिन गम खार नहीं जाते।
चौखट पर पड़े उनके गुजरे हैं कई मुद्दत।
एक बार तो देखेंगे बस होशियार नहीं जाते।
हैरत में हैं हम देख उनकी मसीहाई।
कुछ तो मिलता है सो बेजार नहीं जाते।
© abdul qadir
उनके सिवा खाने से कोई बीमार नहीं जाती।
दर्द बढ़ाते हैं हर दिन अपने दिल का।
लेते हैं दवा लेकिन गम खार नहीं जाते।
चौखट पर पड़े उनके गुजरे हैं कई मुद्दत।
एक बार तो देखेंगे बस होशियार नहीं जाते।
हैरत में हैं हम देख उनकी मसीहाई।
कुछ तो मिलता है सो बेजार नहीं जाते।
© abdul qadir