तुम ही हो .....
दुर आसमानमें तारे जबभी टिमटिमाते हैं
तुम्हारी मुस्कान भरी सुरत हमेशा याद आती हैं
यू तो तारे गिनना आदत तो नही मेरी
'तेरी खिलखिलाती हुई एक झलक पाने की चाहत मुझे ऐसा करनेको मजबूर कर देती हैं
तू दुर ही सही...
तुम्हारी मुस्कान भरी सुरत हमेशा याद आती हैं
यू तो तारे गिनना आदत तो नही मेरी
'तेरी खिलखिलाती हुई एक झलक पाने की चाहत मुझे ऐसा करनेको मजबूर कर देती हैं
तू दुर ही सही...