...

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यादों का किनारा
#MemoryGarden
बीते पल कुछ ऐसे याद आते है
यादों के बगीचे में फूल बन जाते है
वो सुनहरी यादें खिल जाती है बहती हवा और पानी के छिटों से,
कुछ अनकही कुछ कहीं बातों के गीतों से
याद आती है, वो कहानियां जो अनजानी- सी लोगों के लिए है
कुछ प्यारी कुछ अनसुलझी पहेलियों सी है
यादों के उस बगीचे में हर फूल की अपनी खुशबू इस तरह है
जैसे इन्द्रधनुष के रंग बसे उसमें जिस तरह है
कुछ यादें बह जाती है हाथों से रेत की तरह
कुछ कण ही बचते है तबाही के बाद अवशेष की तरह
यादों के साथ दुख के भँवर भी आ जाते है
कभी डँक मार देते है
कभी हमेशा के लिए भाग जाते है
ऐसे ही सजता है ये अनमोल बगीचा जो हमेशा बसा रहता है
मन में या दिल के किसी कोने में छिपा रहता है
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