बड़ा बेटा
घर का बड़ा हूं
थोड़ा नकचढ़ा हूं
जिम्मेदारियां है सर पे
दुनियादारी से डरा हूं
कुछ ख्वाईशे है छिपाई
मैंने घरवालों से
कुछ बातें न बताई
मैंने अपने बड़ों से
अपने छोटे की
मैं बाते सुन के मौन हूं
बड़ों ने भी सुनाया
बता बेटा कौन हूं
मां को दिलाऊं आभूषण
है छोटा सा एक सपना
भाई को न हो कमी
और हो पापा का कार अपना
अब खुद से करता हूं
बचत कुछ पैसा
हमेशा मांगूंगा
हूं मैं बेटा कैसा
खुद कुछ बना तो
घरवालों पर उड़ाऊंगा
घर की जिम्मेदारियां
मैं सर पे उठाऊंगा
घर का हूं बड़ा बेटा
इतना तो कर के जाऊंगा।
© अनुराग . सहचर
थोड़ा नकचढ़ा हूं
जिम्मेदारियां है सर पे
दुनियादारी से डरा हूं
कुछ ख्वाईशे है छिपाई
मैंने घरवालों से
कुछ बातें न बताई
मैंने अपने बड़ों से
अपने छोटे की
मैं बाते सुन के मौन हूं
बड़ों ने भी सुनाया
बता बेटा कौन हूं
मां को दिलाऊं आभूषण
है छोटा सा एक सपना
भाई को न हो कमी
और हो पापा का कार अपना
अब खुद से करता हूं
बचत कुछ पैसा
हमेशा मांगूंगा
हूं मैं बेटा कैसा
खुद कुछ बना तो
घरवालों पर उड़ाऊंगा
घर की जिम्मेदारियां
मैं सर पे उठाऊंगा
घर का हूं बड़ा बेटा
इतना तो कर के जाऊंगा।
© अनुराग . सहचर