...

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दिल...
तुम्हें दरक़ार लफ़्ज़ों की और मुझे कहना नहीं आता,
दिल करता है चुपचाप बातें, उसे जताना नहीं आता।।

है इल्म भी उसे ख़ामोशी से इश्क़ में ख़लल पड़ता है,
दिल समेटता है चुपचाप यादें, उसे बताना नहीं आता।।

तुम्हारी...