...

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ये जवानी है !
ये जवानी है!

सुनती कम कहती ज्यादा है
करना वहीं है,जो ठानी है
कहना कब किसका मानी है
बस करती अपनी मनमानी है।
ये ..........
पल में यहां पल में वहां है
दरिया से तेज रवानी है
हवा में शौक़ है उड़ने का
और बादलों से दौड़ लगानी है।
ये..............
ना ऊंचाई से कोई ख़ौफ़
ना गहराई से परेशानी है
हर मंज़िल को छूने की
ज़िद करता अभिमानी है।
ये............
ना धूप ना ठंड का असर
हर मौसम लगता रूहानी है
यहां झूमता सावन हूं...