प्यार,इश्क़ और मोहब्बत
क्यूंँ रह जाता है हर रिश्ता देह की ऊपरी तह तक
मैं खोलूंँ कौन सा बूहा जो कोई रूह तक उतरे
ज़माने भर को क्यूंँ पड़ता है अज़माना मोहब्बत में
वो पहली बार का ही प्यार क्यूंँ न...
मैं खोलूंँ कौन सा बूहा जो कोई रूह तक उतरे
ज़माने भर को क्यूंँ पड़ता है अज़माना मोहब्बत में
वो पहली बार का ही प्यार क्यूंँ न...