...

15 views

जरा वक्त निकाल कर,चलो आज खुद से बातें करते हैं...💎
जरा वक्त निकाल कर आज
आंखें बंद कर उनमें बीती यादें भरते हैं,
रोज- रोज की इस चहल- पहल के बीच
चलो आज खुद से बातें करते हैं।
चलो जी लेते है इक लम्हे को
भूल सब कुछ याद करते हैं अपनों को
पढ़ते हैं आज एक दफा फिर
संजो के रखा है हमने जिन किताब के पन्नों को।
दिल पर हाथ रख, हसीन पलों को याद कर
जाने -अनजाने हो जाती हैं अक्सर ये आंखें नम
चलो रो लेते हैं आज, याद कर उन यारों को
जिनके साथ जिया था हमने अपना हर खुशी और ग़म।
पर वक्त पर शायद किसी का जोर नहीं
बदल जाते है रिश्ते, जो थे कभी कमजोर नहीं
उदास हो जाता है मन,खुद को सम्भाल नहीं पता है
जब कोई अपना अपने से दूर चला जाता है।
इस जिंदगी की सड़क पर
हजारों राही मिलते हैं
कुछ यूँ ही गुजर जाते
पर कुछ बहुत खास बन जाते हैं
इस अनजान की भीड़ में
कुछ अपनों का एहसास बन जाते हैं
पर टूट जाता है ये दिल
जब इसे बिछड़े अपनों की याद आती है
शायद इसलिए ही डरता है आगे बढ़ने से
क्यूँ की इसे आने वाले कल की फ़िक्र सताती है।
आज एक पल रुक कर
इस डर को भूलकर
चलो जीते हैं आज में
कल की फिक्र छोड़
हाँ सच है बदल जाएंगे हम सब कल को
पर क्यूँ न जिए हम आज के इस खूबसूरत से सफर को।।




On this road of life, you meet thousands of people. Some are just passers-by' but some among the crowd become so so' special, that the place they occupy in the heart is always irreplaceable!

I too met someone on my road.🌹
PS...(Not any crush or bf),but the relation we have now is something beyond that.

~♡Saumya Gupta
© ♡amor