गज़ल
जितना भी ग़म था हमसे भुलाया नहीं गया ,
कोशिश किया पा दिल को हँसाया नहीं गया ।
शहर-ए-सितम ने हमको दिए ज़ख़्म हैं बहुत,
ज़ख़्मों को अपने हमसे दिखाया नहीं गया।
इस तरह से हमारी नज़र में...
कोशिश किया पा दिल को हँसाया नहीं गया ।
शहर-ए-सितम ने हमको दिए ज़ख़्म हैं बहुत,
ज़ख़्मों को अपने हमसे दिखाया नहीं गया।
इस तरह से हमारी नज़र में...