...

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pta na chala
यूँ तो हर रोज़ गुजरती हूं उस रास्ते से,
आज तुझे वहाँ देख वो राहें कब मंज़िल बन गयी,
पता न चला।
बेवक़्त बेवजह अब आना जाना है उस और,
यूँ तो बेपरवाह चलती हूँ हर कहीं,
मग़र अब धड़कनें बढ़...