शाश्वत प्रेम
स्त्री पुरुष का प्रेम
युगों युगों से तलाश करते
दुलार, संरक्षण, संबल, स्नेह
हर रूप में प्रेम व्यापे
माँ पुत्र, पिता पुत्री, भाई बहन
और प्रेमी प्रेमिका सब में प्रेम होवे
लेकिन क्यूँ प्रेम अलग अलग रूप में
कभी खुशी कभी दर्द दे जावे
मांँ दिखती देवी पिता दिखता नायक
बहन बाँधे प्रीत बंधन भाई दिखता सखा
प्रेम गर हो सच्चा शाश्वत बाँधे अटूट...
युगों युगों से तलाश करते
दुलार, संरक्षण, संबल, स्नेह
हर रूप में प्रेम व्यापे
माँ पुत्र, पिता पुत्री, भाई बहन
और प्रेमी प्रेमिका सब में प्रेम होवे
लेकिन क्यूँ प्रेम अलग अलग रूप में
कभी खुशी कभी दर्द दे जावे
मांँ दिखती देवी पिता दिखता नायक
बहन बाँधे प्रीत बंधन भाई दिखता सखा
प्रेम गर हो सच्चा शाश्वत बाँधे अटूट...