ख़ुद से भी झूठ बोलें...
दर्द की जब तीखी कोई लहर उठे!
वक़्त का बेज़ा सा कोई कहर उठे!!
कहदो एक बार हँस कर, सब ठीक है!
संभल ज़रा दिल,बस कर,सब ठीक है!!
तपती तेज़ जेठ दुपहरी से रिश्ते हैं ये!
आग... कभी पानी बरसते रिश्ते हैं ये!!
अपने के हठ...
वक़्त का बेज़ा सा कोई कहर उठे!!
कहदो एक बार हँस कर, सब ठीक है!
संभल ज़रा दिल,बस कर,सब ठीक है!!
तपती तेज़ जेठ दुपहरी से रिश्ते हैं ये!
आग... कभी पानी बरसते रिश्ते हैं ये!!
अपने के हठ...