---:"मैं और माँ":---
माँ तू कहाँ है मुझे बता
ये सब मुझको नहीं पता!
दर-दर भटक रहा हूँ तेरे बिन
बोझ तले कटते हैं ये दिन!
अब तो दरस दिखाओ माँ, लौट के फिर से आओ माँ!
जब से खोया मैं माँ तुझको
समझ नहीं कुछ आता मुझको!
देखे सपने टूट गए
और भाग्य भी मेरे रूठ गए
ये सब ठीक कराओ माँ,जल्दी लौट के आओ माँ!
क्यों मुझे अकेला छोड़ गयी तू ,मुझको भी ले चलती माँ
इसमें तेरे बेटे की ,आखिर क्या है गलती माँ!
थक चूका अकेले इस जीवन में, रहना है मुझे...
ये सब मुझको नहीं पता!
दर-दर भटक रहा हूँ तेरे बिन
बोझ तले कटते हैं ये दिन!
अब तो दरस दिखाओ माँ, लौट के फिर से आओ माँ!
जब से खोया मैं माँ तुझको
समझ नहीं कुछ आता मुझको!
देखे सपने टूट गए
और भाग्य भी मेरे रूठ गए
ये सब ठीक कराओ माँ,जल्दी लौट के आओ माँ!
क्यों मुझे अकेला छोड़ गयी तू ,मुझको भी ले चलती माँ
इसमें तेरे बेटे की ,आखिर क्या है गलती माँ!
थक चूका अकेले इस जीवन में, रहना है मुझे...