एहसास का दरिया
हम शहरों के मुलाजिम नहीं ग़ालिब,
जहां मौसम कि मेहेरबानी और इंसान कि रवानी, बेवक्त बारिश, और बेवजह रुख़ बदलती है!
हम तो उस कबीले के बादशाह हैं,
जहाँ एहसासों का दरिया,
हमारे पते पे दस्तक दे निकलती है! 😁
-शक्ति
© Five Fifteen
जहां मौसम कि मेहेरबानी और इंसान कि रवानी, बेवक्त बारिश, और बेवजह रुख़ बदलती है!
हम तो उस कबीले के बादशाह हैं,
जहाँ एहसासों का दरिया,
हमारे पते पे दस्तक दे निकलती है! 😁
-शक्ति
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