...

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ना जाने क्या
ना जाने क्या है
तेरे मेरे दरमियान,
पर जो भी है,बहुत प्यारा और अच्छा है
कुछ दिन पहले ही बातें शुरू हुई बीच हमारे,
पर ना जाने कैसे, तेरा मेरा ये रिश्ता इतना सच्चा है ।
एक पल को भी नहीं सोचता मैं
तुझसे कहने को
दिल की अपनी बातें,
बातों में तेरे साथ ना जाने
कैसे गुजर जातीं हैं,
ये काली - लंबी रातें ।
ना जाने कैसा असर है मुझपर
तेरी मौजूदगी का,
जो मैं बनता जा रहा हूं दीवाना,तेरी सादगी का,
तेरे साथ अपने मैं
गम और खुशी बांटता हूं,
ना जाने क्या है ऐसा तेरे मेरे दरमियान
जो तेरे साथ गुजरे वक्त को मैं अधिक चाहता हूं ।
साथ तेरा मैं
हर पल हर दम चाहता हूं,
ना जाने क्या है तेरे मेरे दरमियान
जो तुझे मैं इतना चाहता हूं ।।
© priyanshu