...

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मन की आंधी
मन के कोने में उठे बवंडर, थमने का नाम न ले,
सोच की गहरी परतें, कभी सुलझें, कभी उलझे।
भावनाओं का सैलाब उठता, तोड़ दे सब बांध,
अशांत लहरों में डूबा मन, खोजे अपना साध।

कभी चिंता की किरचें चुभें, कभी क्रोध का ताप,
कभी यादें धधक उठें, जलाए हर संताप।
शंका के...