।।साहित्य।।
दोषारोपण और रोना धोना,
यह साहित्य का मूल्य नहीं।
जो चट्टानों से लड़ना सीखे,
सचमुच है मानव...
यह साहित्य का मूल्य नहीं।
जो चट्टानों से लड़ना सीखे,
सचमुच है मानव...