कलयुग
कलयुग की करतल ध्वनि
बाजे चारों ओर
ना बचा पपीहा कोई
बचा ना कोई मोर
शान्ति का बसेरा उजड़ा
पसरा है बस शोर
कोई युग है ऐसा ...
बाजे चारों ओर
ना बचा पपीहा कोई
बचा ना कोई मोर
शान्ति का बसेरा उजड़ा
पसरा है बस शोर
कोई युग है ऐसा ...