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मै कलम का दिवाना
मै कलम का दिवाना,
मेरा लेखन कुछ नया,
बाधाओं से लडने को,
सदा में तत्पर ही रहा।
मैं कलम का दिवाना।
कितना धोखा खाया,
कितना सही भी पाया,
मजबुरी में किसको,
पसंद भी न आया,
मैं कलम का दिवाना
"संकेत" मुझ पर भरोसा करलो,
मेरी कलम ही मेरा खजाना,
मैं कलम का दिवाना।
© All Rights Reserved
मेरा लेखन कुछ नया,
बाधाओं से लडने को,
सदा में तत्पर ही रहा।
मैं कलम का दिवाना।
कितना धोखा खाया,
कितना सही भी पाया,
मजबुरी में किसको,
पसंद भी न आया,
मैं कलम का दिवाना
"संकेत" मुझ पर भरोसा करलो,
मेरी कलम ही मेरा खजाना,
मैं कलम का दिवाना।
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