...

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ज़िन्दगी के धागे सुलझाना चाहता हूँ।
ज़िन्दगी के धागे सुलझाना चाहता हूँ।
किसी बिखरे हुए शख्स के पास जाना चाहता हूँ।

मेरे सीने का जो दर्द पढ़ ले,बस उसे सीने से लगाना चाहता हूँ।
बर्बादी के किस्से छोड़ आबादी के गीत गुनगुनाना चाहता हूँ।

वैसे तो खुदा पर...